आध्यात्मिकता से एकता एवं समन्वय : अध्याय : ९ - आध्यात्मिकता विषयक प्रेरक सूक्तियां - लेखक : डॉ. निरंजन मोहनलाल व्यास - भाषांतर : हर्षद दवे

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आध्यात्मिकता से एकता एवं समन्वय लेखक डॉ. निरंजन मोहनलाल व्यास भाषांतर हर्षद दवे -- प्रस्तावना | अध्याय 1 | अध्याय 2 | अध्याय 3 | अध्याय ...

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आध्यात्मिकता से एकता एवं समन्वय

लेखक

डॉ. निरंजन मोहनलाल व्यास

भाषांतर

हर्षद दवे

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प्रस्तावना | अध्याय 1 | अध्याय 2 | अध्याय 3 | अध्याय 4 | अध्याय 5 | अध्याय 6 | अध्याय 7 | अध्याय 8 |


अध्याय : ९

आध्यात्मिकता विषयक प्रेरक सूक्तियां

आत्मविद्या के अत्युत्तम चार हजार ग्रन्थ भी हमें 'आत्मा क्या है?' यह सिखा नहीं सकते. -वोल्टेइर (Voltaire)

कोई भी मनुष्य जब दूसरे मनुष्य को मदद करता है तब सही माने में वह खुद को ही मदद करता है. दूसरों की सेवा करोगे तभी तो कोई आप की सेवा करेगा. यही जीवन का मुआवजा है. -राल्फ वाल्डो एमर्सन. (Ralph Waldo Emerson)

यदि मनुष्य सत्य का पक्ष लेने में पीछे हटता है तो वह जीवन का हेतु समझ नहीं सकता. -गौतम बुद्ध

आध्यात्मिक जागृति पाना ही जीवन का एक मात्र महत्वपूर्ण मकसद है, शेष सबकुछ निरर्थक एवं मूल्यहीन है. -स्वामी शिवानंद

आध्यात्मिक जागृति से मैं स्वस्थतापूर्वक जीवन की पवित्र भावनायों में बह जाता हूँ. -अज्ञात

स्वप्नावस्था में मैंने देखा कि जीवन आनंद से भोग भोगने के लिए हैं, किंतु जब जागा तब पता चला कि सेवा करना ही शाश्वत जीवन है. -रवींद्रनाथ टैगोर

हम क्या बन सकते हैं उस विषय में हम केवल अर्द्ध जागृत हैं. हमारे आंतरिक अग्नि को हम बुझ जाने देते हैं और उसे मिलती हवा को रोक देते हैं. इस से हम अपनी शारीरिक और मानसिक शक्ति के मात्र अल्प हिस्से का ही उपयोग कर पाते हैं यह बड़े दुःख की बात है. -विलियम जेइम्स William James)

जीवन हमें कुदरत से प्राप्त बक्षिस है, परंतु सुन्दर तरीके से जीने का तरीका हमारी दक्षता या समझदारी से प्राप्त होता है. -ग्रीक सूक्ति.

जंग लगीं वस्तुयों को उज्जवल करने के कई तरीके होते हैं, किंतु ईश्वर की स्तुति ही केवल ह्रदय को उज्जवल कर सकती है. -कुरान

जबरदस्ती से शांति नहीं पाई जा सकती. यह केवल सही समझदारी और समाधान से पाई जा सकती है. -अल्बर्ट आइनस्टाइन (Albert Einstein)

आप की अंतिम नियति कैसी होगी यह मैं नहीं जानता, किंतु एक बात मैं अवश्य जानता हूँ कि जिसने वाकई दूसरों की सेवा कैसे करनी चाहिए यह जान लिया है उसने जीवन की सही खुशी को पा लिया है.

-अल्बर्ट स्वाइटझर (Albert Schweitzer)

यदि हम फल को पूर्णतः पकने देते हैं तो वह अपने आप नीचे आ जाता है, जबरदस्ती से कुछ भी करना सही रास्ता नहीं. -लाओ त्सू (Lao Tzu)

जीवन हमेशा प्रवाह के साथ बहता है. यदि हम मनुष्य के जीवन को अपने बहाव में नहीं बहने देते तो वह सही रास्ते पर कैसे बह सकता है? उसे किसी बाहर के तत्व की जरुरत नहीं. बहता हुआ जीवन ही सही जीवन है. उस में कोई दरार नहीं पड़ती, न ही उसे जोड़ने की जरुरत होती है; उसे ठीक-दुरुस्त करने की आवशकता भी नहीं रहती. -लाओ त्सू (Lao Tzu)

हे परमात्मा! मुझे सुहावनी धरती पर चलने की चेतना दो और मेरी आँखों को ये सुशोभित संध्या के रंग जी भर के देखने का अवसर दो. मेरे बाहुयों को आपकी बनाई प्रत्येक वस्तु का आदर करने की प्रेरणा दो और मेरे कर्णों को आप का स्पष्ट नाद सुनने की क्षमता दो. -अमरीका के आदिवासीयों की प्रार्थना.

आप जो कुछ भी करना चाहते हो, निर्भयता से उस का प्रारंभ कीजिए. जो स्वप्न देखते हो, उसे निर्भय हो कर साकार करने के लिए कटिबद्ध बनिए. निर्भयता में अदभुत प्रेरणाशक्ति, बल और जादू है. -गोथे (Goethe)

हमारे बच्चे, पशुपक्षी और वृक्षों से भी हम कितना कुछ सीखते हैं! संसार के परस्पर लेनदेन के प्रवाह में हम सब जीवन जी सकते हैं.

-जीवन की एकता के विषय में : -मार्टिन बबर (Martin Buber, on Oneness)

हम जो पाना चाहते हैं उस के लिए योग्यता प्राप्त करना आवश्यक है.

-लाओ त्सू (Lao Tzu)

अलग दृष्टि विकसित करना या अलग तरीके से विचार करने की, सोचने की शक्ति होना, पाए गए ज्ञान से अधिक महत्वपूर्ण है.

-डेविड बोह्म (David Bohm)

जब आप का ह्रदय बोलता है तब एक चित्त हो कर सुनो, उस पर ध्यान दो और उसे प्रसन्नतापूर्वक नोट करो. -ज्यूडिथ केम्पबेल (Judith Campbell)

जो परम तत्व के बारे में बोलता है वह उसे जानता नहीं. जो नहीं बोलता वह उसे जानता है. -लाओ त्सू (Lao Tzu)

जब मन अशांत होता है तब मन में न जाने कितने तरंग उठते हैं, किंतु जब वह शांत हो जाता है तब ये सबकुछ अदृश्य हो जाता है. -अश्वघोष

जीवन का हेतु, हेतुयुक्त जीवन जीने में है. -रॉबर्ट बर्न (Robert Burn)

यदि हमारा वर्तन हमारे उपदेश के अनुसार नहीं है तो उपदेश देने का कोई अर्थ नहीं. -फ्रांसिस ऑफ असीसी (Francis of Assissi)

आगे की सीमा हमारे आगे नहीं, अपने भीतर ही है.

- सेनेटर जोसेफ लिबरमेन (Senator Joseph Liberman)

मनुष्य की आत्मा चैतन्य स्वरूप है, जो चैतन्य संसार में सर्वत्र व्याप्त है और जिससे सबकुछ जुड़ा हुआ है यह बात समझ में आ जाएगी तब पर्यावरणशुद्धि की जागृति अपने आप प्रकट होगी और यह आध्यात्मिकता की प्रवृत्ति का यह उच्चतम प्रतिक बन जाएगा. -फ्रिटजोफ काप्रा (Fritjof Capra)

जिसे खुद पर या अन्य पर भरोसा नहीं, उस पर भरोसा नहीं किया जा सकता. -लाओ त्सू (Lao Tzu)

जब आप के भीतर प्रबल आंतरिक शक्ति का उदभव होता है, तब आपने सपने में भी नहीं सोचे हो ऐसे अजाग्रत तत्व जैसे कि विचारशक्ति और अंतर्ज्ञान आप के भीतर अत्यंत सजग हो जाते हैं और आप एक महान कार्यक्षम मनुष्य सा अनुभव करने लगते हैं. -पतंजलि

किसी व्यक्ति में परिवर्तन लाने के लिए उसे खुद के विचारों में परिवर्तन लाना जरुरी है. -अब्राहम मेझलो (Abraham Mazlow)

मन को शांत करना सीखें. शांत मन सुनने और ग्रहण करने के लिए समर्थ होता है. -पायथागोरस (Paythagoras)

जिस जीवन को जांचा-परखा नहीं गया वह जीने योग्य नहीं. -सोक्रेटिस (Socrates)

जब तक आप खुद के साथ शांति नहीं साध सकते, तब तक आप आपके पास जो कुछ भी है उससे संतोष प्राप्त नहीं कर सकते. -डोरिस मोर्टमेन (Doris Mortman)

जिस परिवर्तन की अपेक्षा आप विश्व में चाहते हैं, यह परिवर्तन पहले खुद में कीजिए. -महात्मा गाँधी.

प्रसन्नता फैलाते रहें. -राल्फ वाल्डो एमर्सन (Ralf Waldo Emersan)

हमारे संदेह हमें हमारे सपने साकार करने से रोके नहीं यह देखना बहुत जरुरी है. -जॉन एफ. केनेडी John F. Kennedy)

जीवन का अंत हो जाएगा ऐसा डर न रखें, किंतु ऐसे डर से जाग्रत रहिए कि यदि सही जीवन का कभी प्रारंभ नहीं कर पाए तो क्या होगा? -जॉन कार्डिनल न्यूमेन (John Cardinal Newman)

यदि हम जो कुछ भी कर रहे हैं ये हमारे विश्वासों से विरुद्ध हैं तो हमें सत्य की प्राप्ति कभी नहीं हो सकती. -डेना टेलफ़ोर्ड (Dena Telford)

हम अपने ह्रदय के शुद्ध भाव से सच्चाई देख पाते हैं. किंतु कभी कभी इन आँखों से वह दिखाई नहीं पडता जो आवश्यक सत्य है और जिसे देखना आवश्यक है.

-एंटोइन डी. सेंट - एक्सपरी (Antoine De Saint - Exupery)

मैं यह नहीं जानता कि सफलता की चाबी क्या है, किंतु असफलता की चाबी सब को खुश करने की गलत कोशिशों में है यह मैं जरुर जानता हूँ.

-बिल कोस्बी (Bill Cosby)

जिस के ह्रदय में प्रेम का साम्राज्य है उस के लिए सारा संसार एक परिवार है.

- गौतम बुद्ध

हम सब एक पंखवाले देवदूत हैं, परंतु जब हम दूसरे से प्रेमपूर्वक आलिंगन करने हैं तब दूसरा पंख मिल जाता है और साथ साथ उड सकते हैं. -अज्ञात

इस दुनिया में हिमप्रपात के सफ़ेद सूक्ष्मकण जितना कोमल कुछ भी नहीं, फिर भी जब ये कण एकत्रित हो जाते हैं तब उनकी ताकत क्या रंग लाती है यह देखो. -वेस्टा केली (Vesta Kelly)

मेरे जीवन का हेतु मेरे आध्यात्मिक जीवन को मेरे शेष जीवन से अलग रखने का नहीं है. -एड मेक क्रेकन (Ed Mc Cracken)

कोई भी मनुष्य महान बन सकता है. इसके लिए कोलेज की डिग्री की आवश्यकता नहीं. आप हमेशा दूसरों की सेवा कर सकते हैं. इसके लिए ह्रदय की सदभावनायुक्त अन्तःकरण का होना जरुरी है. -मार्टिन लूथर किंग (Martin Luther King)

हमें महान कार्य करने की आवश्यकता नहीं है, किंतु हमें बहुत सारे छोटे छोटे कार्य बड़े प्रेमपूर्ण ह्रदय से करने की आवश्यकता है. -मदर टेरेसा (Mother Teresa)

जब आप किसी को सहायता करना बंद कर देते हैं, तब आप के मरने का प्रारंभ हो जाता है. -एलेनोर रुझवेल्ट (Eleanor Roosevelt)

मनुष्य को चाहिए की वह सफलता पाने की कोशिश करने की अपेक्षा गुणवत्ता पाने की कोशिश करें. -अल्बर्ट आइनस्टाइन (Albert Einstein)

आख़िरकार आप अपने बच्चों के लिए क्या करते हैं यह जरुरी नहीं, परंतु आपको अपने बच्चों को वे किस प्रकार से मनुष्य बन सकते हैं यह सिखाने की जरुरत है.

-एन लेंडर्स (Ann Landers)

मनुष्य जितनी वस्तुयों का त्याग कर सकता है उतनी मात्रा में वह धनिक हैं.

- हेनरी डेविड थोरो (Henry David Thoreao)

जीवन का हेतु सबकुछ पाने का नहीं है, कुछ बनने का है. मालिकी जताने का नहीं बल्कि कुछ देने का है. किसी पर नियंत्रण रखने का नहीं है, किंतु साथ देने का है. किसी को अपने वश में करने का नहीं, किंतु सुमेल बनाए रखने का है. संग्रह करने में नहीं, परंतु सुमेल साधने में हैं. -अब्राहम हेशल (Abraham Heschel)

जब तक दस्तकारी अन्तःकरणपूर्वक नहीं होती तब तक वह सही कला में नहीं ढलती. -लियोनार्डो द विन्ची(Leonardo Da Vinci)

इस समय सफलता के लिए हमारा मानदंड हमारा वेतन कितना है या हमारे पास कितनी गाडियां हैं इस पर आधारित हो गया है. जब कि हकीकत में यह हमारी सेवा प्रवृत्ति और हमारे मानवसंबंध पर आधारित होना चाहिए.

-मार्टिन लुथर किंग (Martin Luther King)

जीवन में मिलते अवसरों पर लेबल नहीं लगे होते हैं. अवसर पहचानने की कला मनुष्य को सीखनी पड़ती है. -विलियम फेधर (William Feather)

जब हम अपने मूल्यों के प्रति पूर्ण रूप से जाग्रत होते हैं तब हमें निर्णय करने में कोई कठिनाई महसूस नहीं होती. - रॉय डिझनी (Roy Disney)

इस के बाद क्या करना है? इस में निर्णयात्मक बुद्धि चातुर्य की आवश्यकता है, कैसे करें? इस में प्रामाणिकता की आवश्यकता है और उसे पूरा करने में नीतिमत्ता की आवश्यकता है. -डेविड स्टार जोर्डन (David Starr Jordan)

आप घटनायों को घटती हुई देखकर पूछते हैं कि ऐसा क्यों होता है? किंतु मैं किसी घटना घटे इस के सपने देखता हूँ और पूछता हूँ कि ऐसा क्यों नहीं हो सकता? -ज्योर्ज बर्नार्ड शो (George Bernard Shaw)

हम क्या है इस का आधार हमारी आदतों पर है. फिर तो हमें सर्वोत्तम कार्य करने की ही आदत डालनी चाहिए. -एरिस्टोटल (Aristotle)

जो मनुष्य बहुत दूर तक जाने का साहस करता है वही जान सकता है कि कितनी दूरी तक पहुंचा जा सकता है. - टी. एस. एलियट (T.S.Eliot)

अन्य मनुष्य को जान पाने में दक्षता है, किंतु खुद को जान पाने में जागृति है.

- लाओ त्सु (Lao Tzu)

हम बाजार में चीज-वस्तुएँ खरीदने जाते हैं तब उनकी गुणवत्ता, टिकाउपन और उपयोगिता को ध्यान से देखते हैं, जांचते-परखते हैं तो फिर हमारे एकदूसरे के साथ के संबंध, बातचीत और परस्पर दिए गए वचनों का क्या? उन सब की गुणवत्ता की जांच परख भी करनी चाहिए. -मेक्स डी प्री (Max De Pree)

इक्कीसवीं शताब्दी की अत्यंत आश्चर्यजनक घटना टेक्नोलोजी के क्षेत्र में नहीं घटेगी किंतु संभवतः यह मानवता क्या है इस के विस्तृत होते जा रहे विचार घट सकती है. - ज्होन निस बीट (John Naisbitt)

हम एकदूसरे के साथ विचार-विनिमय करते हैं तब हम ऐसा मान लेते हैं कि दूसरा मनुष्य हमें समझ पाया है. -ज्योर्ज बर्नार्ड शो (George Bernard Shaw)

परिवर्तन ऐसा दरवाजा है जो केवल अंदर की ओर ही खुलता है.

-टेरी नील (Terry Neel)

हीरे को बिना घिसे चमकदार नहीं बनाया जा सकता. मनुष्य भी बगैर कसौटी के उच्च कोटि का नहीं हो सकता. -कन्फुशियास (Confucius)

मैं नसीब पर बिलकुल यकीन करता हूँ, परंतु वास्तविकता यह है कि मैं जैसे जैसे अधिकाधिक मेहनत और दृढता से काम करता जाता हूँ ऐसे मेरे नसीब का सहयोग बढ़ता जाता है! -थोमस जेफरसन (Thomas Jefferson)

सेवा जीवन का प्रमुख हेतु है. यह इस पृथ्वी पर रहने का किराया है.

-मार्टिन राईट एडलमेन (Martin Wright Edelman)

हमारे आगे क्या है और पीछे क्या है यह हमारे भीतर जो है इसकी तुलना में गौण है. -राल्फ वाल्डो एमर्सन (Ralph Waldo Emerson)

जीवन का सब से अच्छा उपयोग यह है कि जीवन किसी ऐसे विषय के लिए अर्पित कर दिया जाए कि जो हमारे जाने के बाद भी कायम रहे.

-विलियम जेम्स (William James)

हजारों तारकों जैसे आकार की - (किरण सी पांच भुजाओंवाली) - दरियाई मछलियाँ किनारे पर रेत में धूलि हुई सी पड़ी थीं. एक छोटी बच्ची कुछेक मछलियों को रेत से उठाकर फिर से सागर में फेंकने लगी ताकि वे मर न जाएँ. बालिका की माताने कहा, 'रहने दे, हजारों मछलियाँ बहाव में खींचीं चलीं आतीँ हैं. कितनीं उठा पाओगी और पानी में डालती रहोगी? क्या फरक पडता है?' बालिका पलभर के लिए रुकी; हाथ में पकड़ी हुई मछली की ओर देखा और उसे पानी में फेंकते हुए बोली,'इस मछली को तो फरक पड़ेगा न!' - अज्ञात

जब तक हम जीवित हैं तब तक हमें यह सीखते रहना चाहिए कि कैसे जिएं.

- सेनेका (Seneca)

जो केवल बाहर की ओर देखता है वह स्वप्न देखता है. जो खुद के अंदर झांकता है वह जागृत होता है. - कार्ल जंग (Carl Jung)

अच्छे संचालक अथवा नेता वे हैं जिन के लोग यह जानते होते हैं कि वे सब के बीच उपस्थित हैं. उन से निम्न कोटि के नेता वे हैं जिन के लोग उन की आज्ञा के अनुसार कार्य करते हैं और निम्नतम कोटि के नेता ऐसे होते हैं कि जिनके लोग उन्हें अवज्ञा से देखते हैं. किंतु उत्तम नेता वे हैं जो कम बोलते हैं और संस्था का कार्य पूर्ण होने पर और हेतु परिपूर्ण होने पर जिन के आदमी ऐसा कहते हैं कि 'यह कार्य हमने पूरा किया.' -लाओ त्सु (Lao Tzu)

जीवन का हेतु जानने-समझने का सब से अच्छा उपाय यह है कि इस विश्व को हम एक रमणीय स्थान में बदल दें और इस के लिए हमारे नेतायों और संचालकों को चाहिए कि वे बतौर सेवक अपने कर्तव्य का पालन करें.

-रॉबर्ट ग्रिनलीफ (Robert Greenleaf)

आप की उपासना का प्रभाव केवल आप के ऊपर ही नहीं किंतु आप के चारों ओर जो लोग हैं उनके ऊपर भी पडता है. -वेइन डायर (Wayne Dyer)

आप सही है यह प्रमाणित करने के बजाय आप भले हैं यह सिद्ध करना अधिक अच्छा है. -वेइन डायर (Wayne Dyer)

मनुष्य की ऐसी मान्यता कि जीवन जीने लायक है, संभव है उस के लिए हकीकत बन जाए. - विलियम जेम्स (William James)

जब आप की समझ में यह आ जाए कि किसी भी चीज की कमी नहीं है, तब सारा विश्व आप का हो जाता है. -लाओ त्सु (Lao Tzu)

मनुष्य अपनी खुद की सम्मति के सिवा शांति का अनुभव नहीं कर सकता.

- मार्क ट्वेइन (Mark Twain)

'मेरे सिवा हर कोई सुखी क्यों है?'

'क्यों कि वे हर जगह सौंदर्य और अच्छाई देखते हैं' गुरु ने शिष्य से कहा.

'फिर यह सौंदर्य और भलाई मैं क्यों नहीं देख पाता?'

गुरु ने कहा, 'तू इसे बाहर नहीं देख सकता, इस का कारण तू उसे अपने भीतर देखने में असफल रहा है यह है.' -एंथनी डी मेलो

वर्तमान समस्यायों का समाधान मानव-चेतना की दैवी शक्ति जागृत करने में है.

-हजरत इनायत खान.

जो मन को बाहर की ओर आकर्षित करती है, वह इन्द्रियों की भौतिक दृष्टि है. जो भीतर ले जाती है वह आत्मा की आध्यात्मिक दृष्टि है. - रमण महर्षि

पहले दूसरों को समझने की कोशिश करो फिर उन्हें समझाने की कोशिश करो.

- स्टीवन कवि (Stephen Covey)

अज्ञानतावश हुई दूसरों की गलतियों को माफ करना सीखें. - स्टीवन कवि (Stephen Covey)

यह नेतृत्व का आध्यात्मिक लक्षण है कि यह दूसरों की अंतरात्मा तक पहुंचकर मानव चेतना को अंकुरित करती है, अर्थपूर्ण बनाती है और मनुष्य को कार्यक्षम बनने की प्रेरणा देती है. -बोरन बेनिस (Warren Bennis)

आध्यात्मिक जीवन की मनोरम विचित्रता यह है कि नीजी जीवन वैश्विक बन जाता है, आंतरिक जीवन सार्वजनिक बन जाता है और चिंतनशील जीवन अत्यंत सक्रिय बन जाता है. -रीटा इ. ग्वेर (Rita E. Guare)

- जीवन ऐसा न जिएं कि लोग 'फ़रियाद' करें, किंतु इस प्रकार से जिएं कि लोग फिर याद करें. इस के लिए किवल इतना ही करना है कि 'अंटसंट' न बोलें किंतु प्रिय वचन बोलें.

- मन में रंजिश रख के जिओगे तो मन के मुताबिक़ कभी नहीं जी पाओगे.

- अच्छे शब्द नहीं कह सको तो कोई बात नहीं, किंतु अच्छे शब्द ग्रहण कर सको तो भी जीवन सफल हो जाएगा.

- मनुष्य की बुद्धि, शक्ति, स्मृति और आनंद को चिंता इस प्रकार से नष्ट कर देती है जैसे लकड़ी को दीमक.

- 'अकेलापन' मनुष्य का महान मित्र बन सकता है और खतरनाक दुश्मन भी, इस का आधार हम अकेलेपन का उपयोग किस प्रकार से करते हैं उस पर है.

- धन कमाने के लिए बुद्धि और मेहनत की जरुरत रहती होगी परंतु उसके सदुपयोग के लिए 'संस्कार' ही चाहिए.

- सही सुख की भावना का अनुभव करना अच्छे नसीब या धन-संपत्ति पर आधारित नहीं, परंतु यह हमारे मानसिक झुकाव पर आधारित है. सही सुख की अनुभूति के लिए हमें उस से संतुष्ट होना है जो हमारे पास है. जो हमारे पास नहीं है उस के विचार करके दुखी होने की जरुरत नहीं है. यह सीधी, सरल व स्पष्ट बात है; फिर भी, आश्चर्य है कि मनुष्य का मन यह समझ नहीं पाता है.

-सिडनी हेरिस (Sidney Harris)

- जीवन में कोई समस्या का सामना नहीं करना पडता इस बात से शांति का अनुभव नहीं होता, समस्यायों का सामना करने की शक्ति विकसित करने से शांति का अनुभव होता है.

- नीरो, कालिगुला, अटीला और हिटलर अपने विश्वास पर अटल रहने की हिम्मत रखते थे, किंतु उन विश्वासों को जांचने की या उन में परिवर्तन करने की हिम्मत की उन में बड़ी कमी थी. विश्वासों को जांचना और उन में आवश्यकतानुसार परिवर्तन करना सच्चे सुचरित आदमी का लक्षण है.

- संभव हो तो दूसरे लोगों की अपेक्षा अधिक सदगुणी बनें, किंतु ऐसा उनको किसीको बताना मत.

- सब को दुनिया बदलने का ख़याल आता है, किंतु खुद को बदलने के बारे में कोई नहीं सोचता. -लियो तोल्स्तोय (Leo Tolstoy)

इति

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(समाप्त)

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पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi 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रचनाकार: आध्यात्मिकता से एकता एवं समन्वय : अध्याय : ९ - आध्यात्मिकता विषयक प्रेरक सूक्तियां - लेखक : डॉ. निरंजन मोहनलाल व्यास - भाषांतर : हर्षद दवे
आध्यात्मिकता से एकता एवं समन्वय : अध्याय : ९ - आध्यात्मिकता विषयक प्रेरक सूक्तियां - लेखक : डॉ. निरंजन मोहनलाल व्यास - भाषांतर : हर्षद दवे
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